खसखस (सफेद) और तरबूज के बीज की गिरी अलग-अलग पोसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। सुबह और शाम एक-एक चम्मच खाली पेट खाएँ। इससे बढ़ा हुआ रक्तचाप धीमा हो जाता है। और रात में नींद भी अच्छी आती है।
एक चम्मच मैथीदाना के चूर्ण की फंकी सुबह-शाम खाली पेट दो सप्ताह तक लेने से उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
मुनक्का में लहसुन की कली रखकर खाना भी लाभदायक रहता है।
सबेरे खाली पेट डाल का पका हुआ पपीता तीस दिनों तक खाएँ और इसके खाने के बाद दो घंटे तक न कुछ खाएँ, न पिएँ, इससे रक्तचाप सामान्य रहता है।
गेहूं और चना बराबर मात्रा में लेकर आटा पिसवाएँ। चोकर (भूसी) सहित आटे की रोटी बनवाकर खाएँ। एक सप्ताह में ही रोग ठीक हो जाएगा।
रात को किसी तांबे के गिलास या लोटे में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर पी लें। इससे उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है। चार तुलसी की पत्तियाँ, दो नीम की पत्तियाँ, दो चम्मच पानी के साथ पीसकर खाली पेट लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है।
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