एक अच्छा केला लेकर उसका छिलका निकाले बिना उसमें एक गड्ढा बनाये। फिर उसमें जरा-सा सेंधा नमक और काली मिर्च का चूर्ण भरकर रात भर चाँदनी रात में पड़ा रहने दें। सबेरे उसे आग में भूनकर खायें। इसको इसी तरह दिन में दो-तीन बार खाने से दमा रोग में आराम होगा। वैसे इस केले को पुष्य नक्षत्र के दिन चाँदनी रात में या शरद पूर्णिमा की चाँदनी रात में पड़ा छोड़कर अगले दिन खाने से विशेष फायदा होता है।
इसबगोल साबुत ले आएँ। इसबगोल का सत्त या भूसी नहीं लेना है। इसका कचरा मिट्टी हटाकर साफ कर लें। सुबह-शाम 10-10 ग्राम इसबगोल पानी के साथ निगल जाएँ। एक माह में दमा विदा हो जाएगा। परहेज में चावल, तले पदार्थ, गुड़, तेल, खटाई, बादी वाले पदार्थ कतई नहीं लेवें और ठीक हो जाने के बाद भी कम से कम छः माह तक परहेज जारी रखें।
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